Happy Eid to all of you.
जब भी कोई पर्व आता है हमारे भारत में हम बड़े ही
उल्ल्हास के साथ उस पर्व को हम मानते है और बहुत लोग ऐसे भी है जो
मूर्ति स्थापना करने से लेकर पूजन प्रसाद तक की तैयारियां बड़े ही धूमधाम
से करते है। पर उसके लिए वो घर घर जाते है चंदा
इकट्ठा करते है, तब जाके के एक पूजन धूमधाम से होती है, पर किसी ने सोचा
है की मूर्ति स्थापना में कितने रुपए खर्च होते है और वो मिटटी की मूर्ति
हम नदी या तालाब में विसर्जन कर देते है । आज तक ऐसा कोई है जो पूजन
के नाम का नही बल्कि किसी अच्छे मकसद के लिए चंदा इकट्ठा किया हो ,
मोहल्ले की बहन को पढ़ाने में या फिर किसी की बीमारी के इलाज के
लिए , या फिर किसी की जमीन कोई बलवान ने कब्ज़ा कर लिया हो और उस गरीब के
पास पैसा न हो केस लड़ने के लिए तो हम सब उसकी मदद करे, अगर पहले ऐसी मदद
नही किया है तो देर किस बात की है आओ हमसब मिल कर प्रण ले की हर इंसान
की मदद करना हमारी जिमेदारी है और हमारा कर्त्तव्य भी है।, इंसान
रूप में जनम लेना इससे बड़ी सौभागय की बात क्या होगी, एक घर की सुरक्षा
आपका घर भी हो सकता है।
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